प्राकृतिक चिकित्सा: स्वस्थ रहने के लिए क्यों है जरूरी
व्यस्तता के दौर में लोगों की अनियमित जीवनशैली के कारण कई प्रकार की बीमारियां घेर रही हैं. इन सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए कई दवाइयां (Medicines) उपलब्ध हैं, लेकिन दवाइयों के कई नुकसान भी हैं.
ऐसे में शरीर के लिए सही इलाज है प्राकृतिक चिकित्सा (Naturopathy). प्राकृतिक चिकित्सा से तात्पर्य है, प्रकृति के साथ रहकर शरीर को स्वस्थ रखना. आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार, सूर्योदय से पहले उठना, हमारे शरीर और मन के लिए अच्छा होता है क्योंकि सुबह शुद्ध वायु और सूर्य की धीमी रोशनी से मन मस्तिष्क ऊर्जा से भर जाते हैं.
सूर्य की रोशनी से विटामिन-डी (Vitamin-D) की भी पूर्ति होती है, जो शरीर की हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है.
आजकल लोग शारीरिक मेहनत कम करते हैं और लगातार कंप्यूटर व मोबाइल में लगे रहते हैं.
इस वजह से आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है, साथ ही मानसिक थकान महसूस होती है, इसलिए जरूरी है कि हम प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाएं. आइए जानते हैं प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में.
समय पर भोजन करना
स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि सही समय पर भोजन किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं करने से पाचन तंत्र खराब हो जाता है.
यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुबह जल्दी उठकर स्नान करके सुबह 9:00 बजे तक नाश्ता करें, उसके बाद दिन में 12:00 बजे के बाद मध्यान्ह भोजन और सूर्यास्त से पहले भोजन करने से शरीर स्वस्थ रहेगा.
इसके अलावा अपने भोजन में पर्याप्त रूप से सभी प्रकार के विटामिन्स और अन्य आवश्यक तत्वों को शामिल करें.
नेचुरोपैथी के इलाज में उपवास का महत्व
अनुशासित दिनचर्या से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है. उपवास का भी शरीर के लिए काफी महत्व है. इससे शरीर के अंगों को आराम मिलता है.
हफ्ते में एक से दो बार उपवास करना शरीर के लिए अच्छा होता है. उपवास के दौरान फलाहार या जूस लें तो पाचन जल्दी से हो जाता है. उपवास में ऐसी चीजें बिल्कुल भी न खाएं, जिन्हें पचाने में मुश्किल हो.
फाइबर से भरपूर आहार है लाभकारी
लोग फाइबर युक्त चीजों का सेवन कम कर रहे हैं. इस वजह से पाचन कमजोर होने लगता है. डॉ. मेधावी अग्रवाल के अनुसार, फाइबर युक्त आहार लेने से पेट से संबंधित रोगों से बचा जा सकता है.
इसके लिए अपने आहार में जौ, बाजरा, मक्का और चना जरूर शामिल करने चाहिए, क्योंकि इनमें काफी मात्रा में फाइबर होता है.
यह भी कोशिश करें कि सब्जियों को छिलके सहित खाएं क्योंकि छिलकों में काफी मात्रा में विटामिन और प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा छिलके वाली दालें भी फायदेमंद होती हैं.
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घर का भोजन ही लाभकारी
प्राकृतिक चिकित्सा में घर के भोजन को ही फायदेमंद माना जाता है क्योंकि घर के भोजन में किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होती है.
घर का भोजन बनाते समय साफ-सफाई का भी ख्याल रखा जाता है. घर के भोजन में सभी प्रकार के पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं.
डॉ. मेधावी अग्रवाल के अनुसार, फास्ट फूड और जंक फूड में पोषक तत्व नहीं होते हैं. इनमें काफी मात्रा में वसा होती है, जो हृदय के लिए काफी नुकसानदायक हैं.
प्राकृतिक चिकित्सा में रखें इन बातों का ध्यान
-एक बार में एक ही तरह का फल खाना चाहिए. अलग अलग फल एक बार में न खाएं.-गाजर के जूस के साथ आंवला काफी लाभकारी होता है.-यदि रोज नियमित रूप से उबले हुए टमाटर खाएंगे तो कैंसर नहीं होगा.-अपने खाने में हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च आदि का सेवन जरूर करना चाहिए.
अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए The Health Master जिम्मेदार नहीं होगा।
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